Строка 1: |
Строка 1: |
− | {{raw:t-ru-pool:Стих|название=|стих=[[:t-ru-wiki:Санскрит|<big>'''Санскрит'''</big>]]: यथाकाशस्थितो नित्यं वायुः सर्वत्रगो महान् । | + | {{raw:t-ru-pool:Стих|название=|стих=[[:t-ru-wiki:Санскрит|<big>'''Санскрит'''</big>]]: मोघाशा मोघकर्माणो मोघज्ञाना विचेतसः । |
− | तथा सर्वाणि भूतानि मत्स्थानीत्युपधारय ॥६॥
| + | राक्षसीमासुरीं चैव प्रकृतिं मोहिनीं श्रिता |
| | | |
| | | |